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MANIT का 22वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न: 1600 छात्रों को डिग्रियां, सुहानी बत्रा रहीं समारोह की स्टार—एक ही मंच पर जीते 5 गोल्ड मेडल

चंद्रहास वैष्णव

जगदलपुर।मौलाना आज़ाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MANIT) का 22वां दीक्षांत समारोह बुधवार को बड़े ही गरिमामय माहौल में आयोजित हुआ। समारोह में कुल 1600 छात्रों को उपाधियाँ प्रदान की गईं। संस्थान ने इस वर्ष उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धियों के आधार पर 12 छात्रों को गोल्ड मेडल और 6 छात्रों को स्पॉन्सर्ड गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया।

लेकिन पूरे समारोह में सबसे अधिक चर्चा में रहीं सुहानी बत्रा, जिन्हें एक साथ 5 गोल्ड मेडल प्रदान किए गए। सुहानी को ओवरऑल मेरिटोरियस गर्ल स्टूडेंट, सीएस ब्रांच टॉपर, फर्स्ट ईयर टॉपर (गर्ल्स) और सेकेंड ईयर टॉपर (गर्ल्स) जैसे खिताबों पर गोल्ड मेडल मिले।

सुहानी बत्रा शुरुआत से ही असाधारण प्रतिभा और मेधावी स्वभाव की छात्रा रही हैं। उन्होंने अपनी शैक्षणिक यात्रा का पहला बड़ा मुकाम दसवीं बोर्ड परीक्षा में हासिल किया था, जब वे 98% अंकों के साथ बस्तर जिले की टॉपर बनीं। परिवार और शिक्षकों को उसी समय यह आभास हो गया था कि सुहानी आगे चलकर नई ऊँचाइयाँ छूने वाली हैं।

सुहानी के पिता विवेक बत्रा, शहर के ऑटो पार्ट्स के व्यवसाई हैं। उन्होंने बताया कि सुहानी न केवल तकनीकी शिक्षा में रुचि रखती हैं बल्कि आगे चलकर IAS की प्रतिष्ठित सेवा में भी अपना योगदान देने की इच्छा रखती हैं। देश की प्रशासनिक सेवाओं में स्थान बनाना उनका पुराना सपना है।

हालाँकि, हाल ही में कैंपस प्लेसमेंट के दौरान उनका चयन बैंगलुरु में स्थित एक अमेरिका-आधारित प्रतिष्ठित कंपनी में हुआ। इस उत्कृष्ट अवसर को देखते हुए सुहानी ने पहले कॉर्पोरेट जगत का अनुभव लेने का फैसला किया है। परिवार का मानना है कि यह अनुभव सुहानी को व्यापक दृष्टि और व्यावहारिक समझ देगा, जो भविष्य में प्रशासनिक सेवा की तैयारी में भी उनके लिए मार्गदर्शक सिद्ध होगा।

सुहानी ने बातचीत में बताया कि उनका कैंपस प्लेसमेंट बेंगलुरु स्थित टेक्सास कंपनी में 38.5 लाख रुपये के पैकेज पर हुआ है। उन्होंने मेजर प्रोजेक्ट के रूप में एक अत्याधुनिक इमेज कैप्शनिंग मॉडल तैयार किया है, जो मशीन लर्निंग का उपयोग कर किसी भी इमेज को देखकर उसका कैप्शन स्वचालित रूप से जनरेट कर सकता है। सुहानी का मानना है कि इस तकनीक का उपयोग विशेष रूप से नेत्रहीनों के लिए बेहद कारगर साबित हो सकता है। इस तकनीक को वियरेबल ग्लासेस में इंटीग्रेट कर विजुअल इनपुट को माइक्रोफोन के जरिए ऑडियो जानकारी में बदला जा सकता है।

MANIT के इस दीक्षांत समारोह ने एक बार फिर दिखाया कि देश की तकनीकी संस्थाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, और नई पीढ़ी नवाचार में लगातार नए आयाम स्थापित कर रही है।

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