पुलिस प्रशासन की निगरानी में महुरा समेत नौरोजाबाद ,पेनौरा के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में चला रहा सट्टे का काला कारोबार
दीपक विश्वकर्मा
नौरोजाबाद== सट्टा किंग और उनके नेटवर्क द्वारा महुरा, नौरोजाबाद, पेनौरा और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में सट्टे का कारोबार आज भी सक्रिय रूप से चल रहा है, जिसमें कालरी कर्मचारी, गरीब मजदूर और आम जनमानस की गाढ़ी कमाई इस अवैध खेल में चली जाती है पुलिस को जानकारी होने के बाद भी अक्सर पुलिस प्रशासन की भूमिका केवल दिखावे की कार्रवाई तक ही सीमित रहती है गिरफ्तारी, जांच या छापे तो होते हैं, लेकिन बड़े सट्टा किंग अक्सर बच निकलते हैं या उन्हें संरक्षण मिलता है पुलिस द्वारा कभी-कभी औपचारिक छापेमारी और कुछ लोगों की गिरफ्तारी की खबरें जरूर आती हैं, लेकिन इस कारोबार की जड़ें काफी गहरी हैं पुलिस कभी कभार छापे मारती है, कई बार छोटे-मोटे सटोरिए पकड़े भी जाते हैं, लेकिन मुख्य महुरा निवासी सट्टा किंग तक पुलिस प्रशासन बहुत कम ही पहुंच पाते हैं कई जगह पुलिस केवल छोटी मात्रा में पैसा और सामान्य लोगों को पकड़कर खानापूर्ति करती है, जबकि बड़े स्तर का सट्टा व्यवसाय बेरोकटोक चलता रहता है कई रिपोट में यह भी सामने आया है कि पुलिस की मिलीभगत या अनदेखी के चलते ग्रामीण क्षेत्रों व छोटे कस्बों में खुले आम सट्टा चल रहा है मजदूर, छोटे कर्मचारी और गरीब तबके के लोग जल्दी कमाने के चक्कर में इस खेल में फंसते हैं और अपनी कमाई गंवा बैठते हैं यह अपराध और कई घरों की बर्बादी का कारण बनता जा रहा है सट्टाबाजार के कारण छोटी-मोटी चोरी, घरेलू विवाद और सामाजिक विघटन की घटनाएं भी बढ़ रही हैं माहुरा और आसपास के क्षेत्र में सट्टे का अवैध कारोबार पुलिस की निगरानी के बावजूद बेरोकटोक चल रहा है इसमें गरीब और मेहनतकश वर्ग की खून-पसीने की कमाई बर्बाद हो रही है, और पुलिस प्रशासनिक की लचर व्यवस्था के कारण यह सामाजिक समस्या निरंतर गहराती जा रही है लेकिन आज तक इस पर पहल नहीं की गई।