*शहर के बरदेभाठा निवासी सरोज देवी शर्मा उम्र 82 वर्ष का लंबी बिमारी के बाद मंगलवार को निधन हो गया। परिजनों ने उनकी इच्छा के अनुरूप उनका पार्थिव शरीर कांकेर मेडिकल कालेज में अध्ययन के लिए दान किया*
यजुवेन्द्र सिंह ठाकुर
कांकेर। शहर के बरदेभाठा निवासी सरोज देवी शर्मा उम्र 82 वर्ष का लंबी बिमारी के बाद मंगलवार को निधन हो गया। परिजनों ने उनकी इच्छा के अनुरूप उनका पार्थिव शरीर कांकेर मेडिकल कालेज में अध्ययन के लिए दान किया है। बुधवार सुबह परिजन विधिवत पार्थिव शरीर को मेडिकल कालेज को सौंपा जाएगा। साल 2020 में खुले कांकेर मेडिकल कालेज के इतिहास में यह तीसरा देहदान है। सरोज देवी शर्मा समेत अबतक तीन लोगों के पार्थिव शरीर मेडिकल कालेज को सौंपे जा चुके हैं। मेडिकल से जुड़े विशेषज्ञों ने कहा मृत देह मेडिकल कालेज के छात्रों के लिए साइलेंस टीचर की तरह होती हैं। वे इसी से शरीरिक अंगों पर प्रेक्टिकल कर दूसरों को जीवन देना सीखते हैं।
स्वर्गीय सरोज देवी शर्मा का निधन 11 नवंबर को 1.45 बजे हुआ। परिजनों ने उनकी इच्छा अनुरूप आपसी सहमति से सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करते अपनी माता के पार्थिव शरीर को मेडिकल कालेज को दान करने निर्णय लिया था। परिजनों ने कुछ दिन पहले ही फार्म भरा था। पुत्र दैनिक भास्कर के ब्यूरोचीफ राजेश शर्मा ने बताया हमारी माता के स्वभाव में ही था की वे हमेशा लोगों की मदद करने आगे रहती थीं। उनकी इच्छा भी यही थी कि वे मृत्यु के बाद भी किसी के काम आ सकें। उनकी इसी भावना को देखते हुए पुरे परिवार ने आपस में सलाह मशवरा कर उनका पार्थिव शरीर मेडिकल कालेज कांकेर के एनाटामी विभाग को मेडिकल अनुसंधान के लिए दान करने का फैसला लिया। विदित हो की सरोज देवी शर्मा धार्मिक प्रवृत्ति की थीं तथा सामाजिक कामों में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती थीं। उनके पति स्व बंशीलाल शर्मा बस्तर के वरिष्ठ पत्रकार थे तथा देशबंधु तथा दैनिक भास्कर जैसे संस्थाओं में अपनी सेवाएं दे चुके थे। एनाटामी विभाग के एचओडी डा मृणाल विश्वास ने कहा मेडिकल कालेज में छात्रों की पढ़ाई व समाज के अच्छे डाक्टर देने के लिए देहदान जरूरी है। छात्रों को अच्छे से पढ़ाई करने मृत देह के विकल्प में दूसरी कोई चीज नहीं है। उससे ही छात्र सीखतें है। एक तरह से मृत देह छात्रों के लिए साइलेंस टीचर होती हैं। इस परिवार से सरोजदेवी शर्मा के देवर बिलासपुर निवासी वरिष्ठ पत्रकार नथमल शर्मा