*केशकाल में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया छठ महापर्व, विधायक नीलकंठ टेकाम व नपं अध्यक्ष बिहारीलाल शोरी भी हुए शामिल..*
भरत भारद्वाज
केशकाल:- लोक आस्था के महापर्व छठ के शुभ अवसर पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी केशकाल के सुरडोंगर तालाब में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां सोमवार शाम व्रती महिलाओं के द्वारा डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। ततपश्चात मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर विधिवत हवन पूजन के पश्चात छठ महापर्व का समापन किया गया। इस कार्यक्रम में केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम, नगर पंचायत अध्यक्ष बिहारीलाल शोरी, पूर्व पार्षद नवदीप सोनी, पार्षद पुंजलता मरकाम, भाजपा नेता राजकिशोर राठी समेत गणमान्य लोग भी शामिल हुए।
*यह है मान्यता-*
आपको बता दें सूर्य देव की उपासना का यह पर्व शुद्धता, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाला है। सूर्य देव के साथ-साथ छठी मैया की पूजा का विधान है। इस व्रत में सूर्य और षष्ठी माता दोनों की उपासना होती है। इसलिए इसे सूर्यषष्ठी भी कहा जाता है। दिन में छठी व्रतियों ने गेहूं, घी व शक्कर का ठेकुआ, चावल, घी और शक्कर का लड्डू प्रसाद के लिए बनाया। बांस के बने सूप डाला, दौरा, टोकरी में प्रसाद को रखा गया। इसके साथ ही प्रसाद के रूप में सेब, केला, अमरूद, नींबू सहित अन्य फल प्रसाद के रूप में रखे जाते हैं।
*प्रतिवर्ष होता है भव्य कार्यक्रम का आयोजन-*
इस परंपरा के तहत केशकाल में भी प्रतिवर्ष छठ महापर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। 4 दिन पहले से ही पूजा अर्चना एवं छठ माता की आराधना शुरू कर दी जाती है। इस वर्ष भी बड़ी संख्या में छठ व्रती महिलाएं अपने पूरे परिवार एवं गाजे-बाजे के साथ छठ घाट पर पहुंचे। बुधवार शाम को पूरे विधि-विधान से छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य एवं छठ माता की आराधना की। अंत मे डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया, वहीं मंगलवार अलसुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात पूजन, आरती एवं प्रसादी वितरण कर छठ महापर्व का समापन किया गया।