केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बस्तर दशहरा में की शिरकत, महिलाओं के खातों में 606 करोड़ की राशि हस्तांतरित, ग्रामीण बस सेवा योजना का किया शुभारंभ
चंद्रहास वैष्णव
विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर बस्तर पहुंचे। उन्होंने अपने प्रवास की शुरुआत ऐतिहासिक मां दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना के साथ की। इस दौरान श्रद्धालुओं ने पारंपरिक ‘मुंडा बाजा’ की धुन पर उनका स्वागत किया। शाह ने मंदिर परिसर में आम श्रद्धालुओं से आत्मीय संवाद करते हुए कहा कि “अब बस्तर में भय नहीं, विश्वास है।” उन्होंने इस विश्वास को आगे बढ़ाते हुए कहा कि केंद्र सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का पूर्ण उन्मूलन करना है।
मंदिर दर्शन के पश्चात गृह मंत्री मूरिया दरबार पहुंचे, जहां उन्होंने बस्तर की पारंपरिक शासन व्यवस्था से जुड़े मांझी, चालकी और गायता प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बस्तर की परंपराओं और जनसंस्कृति के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। शाह ने बस्तर दशहरा को भारत की सबसे बड़ी सांस्कृतिक धरोहरों में से एक बताते हुए कहा कि यह पर्व भारत की एकता और विविधता का जीवंत प्रतीक है।
इसके बाद गृह मंत्री लालबाग मैदान स्थित स्वदेशी मेला पहुंचे, जहां उन्होंने विशाल जनसमूह को संबोधित किया। मंच से उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी ‘महतारी वंदन योजना’ की 20वीं किस्त के रूप में 606 करोड़ रुपये से अधिक की राशि राज्य की महिलाओं के खातों में बटन दबाकर ट्रांसफर की। शाह ने कहा कि यह योजना छत्तीसगढ़ की मातृशक्ति को आर्थिक रूप से सशक्त करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों वर्गों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिल रहा है।
इसी मंच से अमित शाह ने ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सेवा योजना’ का शुभारंभ किया, जिसके तहत 250 गांवों को जिला मुख्यालय से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना से दूरस्थ इलाकों में आवागमन आसान होगा और विकास की गति तेज होगी। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देश के हर कोने तक विकास पहुंचाने के लिए संकल्पित है, और बस्तर अब पिछड़ेपन की नहीं, बल्कि प्रगति की नई पहचान बनेगा।
अमित शाह का यह बस्तर दौरा सांस्कृतिक आस्था, जनसंवाद और विकास योजनाओं के समन्वय का प्रतीक बन गया है। दशहरा के ऐतिहासिक मंच से उन्होंने बस्तर के प्रति केंद्र की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि आने वाला समय बस्तर के सुनहरे विकास का साक्षी बनेगा।