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महाशिवरात्रि में उमड़ेगी आस्‍था, तीन दिवसीय होगा मेले का आयोजन , डमरू घाटी व महादेव पिपरिया में है शिव भक्तों की आस्था, तीन दिवसीय मेले में होगी सर्वाधिक भीड़

नरसिहपुर

आशीष कुमार दुबे

नरसिंहपुर। जिला मुख्यालय के गाडरवारा तहसील में शुक्रवार 8 मार्च को विशेष मुहूर्त पर महाशिवरात्रि पड़ रही है। जिसे लेकर आज जिले भर में धार्मिक माहौल और अनुष्ठान देर रात तक जारी रहेंगे। सबसे ज्यादा शिवभक्तों का सैलाब गाडरवारा के शिव धाम डमरू घाटी पर उमड़ेगा। यहां तीन दिवसीय मेला लगने से यहां सर्वाधिक भीड़ रहेगी। इसके साथ ही जिले के महादेव पिपरिया मंदिर में भी हजारों श्रद्धालुओं की पहुंचने की संभावना है। शिव भक्तों में डमरू घाटी और महादेव पिपरिया को लेकर बड़ी आस्था है। इसे देखते हुए पुलिस और प्रशासन द्वारा जिले को दो प्रमुख मंदिरों में सर्वाधिक सुरक्षा और व्यवस्था की गई है। शुक्रवार से ही मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए हैं। शहर सहित जिले भर के बड़े शिवालयों में सजावट के साथ-साथ महाशिवरात्रि की बड़ी तैयारी की गई हैं।

यह है डमरू घाटी मंदिर की विशेषता:-

डमरू घाटी जिले के गाडरवारा के पास स्थित एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यहां पर भगवान शिव जी की एक बहुत बड़ी प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। प्रतिमा के सामने नंदी भगवान की मूर्ति विराजमान है। यहां पर शिव भगवान के शिवलिंग के आकार का एक शिवालय बनाया गया है। इस शिवालय के अंदर शिवलिंग विराजमान है। यह जगह मुख्य हाईवे सड़क पर स्थित है। इसलिए हाईवे सड़क से यह जगह देखने के लिए मिल जाती है। जहां बड़ी संख्या में शिवभक्त महाशिवरात्रि में पहुंचेंगे।

महादेव पिपरिया जबरेश्वर महादेव:-
नरसिंहपुर जिले से लगभग 12 किलोमीटर स्थित नर्मदा तट के ग्राम महादेव पिपरिया में जबरेश्वर महादेव के नाम से विराजित विशाल शिवलिंग जिले वासियों के लिए आस्था का केंद्र है। यहां तीन पीढ़ियों से भोलेनाथ की सेवा कर रहे पं गुलाब गिर अनुसार चौधरी धुरंधर पटैल नाम के एक मालगुजार जो बहुत बड़े भगवान शिव के भक्त थे। उन्हें एक बार भगवान शंकर ने स्वप्न दिया था और उन्हें हिनौतिया के जंगल में अपनी उपस्थिति का आभास कराया। जिसके बाद उन्होंने स्वप्न के अनुसार ग्राम भैंसापाला के पास स्थित हिनौतिया के जंगलों में पहुंच कर तलाश आरंभ की। सुबह-सुबह के चार बजे अचानक एक शिवलिंग पहाड़ों से लुड़कते हुए उनके सामने आ गया। जिसके बाद उन्होंने वहीं पर पूजन-अर्चन शुरू कर दिया। पूजन अर्चन के बाद इस बाद विशाल शिवलिंग को भक्तिभाव से नर्मदा घाट पर लाकर स्थापित किया गया। जिसके बाद स्थान का नाम महादेव पिपरिया पड़ गया। तब से आज तक यहां भक्तों का अटूट विश्वास महादेव पिपरिया पर है।

यहां भी रहेगी भक्तों की भीड़:-

महाशिवरात्रि के दौरान जिले के डम रूघाटी, महादेव पिपरिया के साथ ही साथ ही नर्मदा के घाटों पर भी स्नान के लिए लोग पहुंचेगें। जिसमें जिले के बरमान, सतधारा, सांकल, झांसीघाट, चिनकी उमरिया, ककरा आदि घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रहेगी। इसके साथ ही झोतेश्वर स्थित परमहंसी के पारेश्वर महादेव मंदिर, नरसिंहपुर के बड़ापुल के पास शंकर मंदिर, नरसिंह मंदिर के शिवालयों में भी श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ रहेगी। इसके साथ ही विभिन्ना स्थानों से शिव बारात का भी आयोजन होगा।

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